Protest Against Agnipath Scheme : पिछले हफ्ते केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई थी. इस योजना का पूरे देश में अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. इस योजना के विरोध के दौरान युवाओं का यह आंदोलन हिंसक हो गया. बिहार और यूपी समेत देश के कई राज्यों में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. जिसमें ट्रेनों को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचाया गया.
इस योजना के चलते अभी तक रेलवे को कितने रुपयों का नुकसान हुआ है. पता चला कि इस आंदोलन के दौरान रेलवे परिसंपत्तियों को अब तक 600 करोड़ रुपयों से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक सभी जोन की रिपोर्ट आने पर 1000 करोड़ तक का नुकसान सामने आ सकता है.
उपद्रवियों की चपेट में आए 12 रेलवे इंजन
17 जून को हाजीपुर डिवीजन में 4 जगहों में 12 इंजन उपद्रवियों की चपेट में आ गए. इनमें से 7 रेल इंजनों में आग लगा दी गई जिससे वो पूरी तरह नष्ट हो गए. जबकि 5 रेल इंजनों पर पत्थरों से हमला हुआ जिसके कारण उनकी लाईट, शीशे, पाईपलाईन पूरी तरह से टूट गए. इन 12 इंजनों में हुए नुकसान से रेलवे को करीब 106 करोड़ रूपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसके अलावा सिकंदराबाद में हुए 14 करोड़ के नुकसान को मिलाकर रेलवे को एक ही दिन में 120 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ.
जलाए गए इंजन और उनके ट्रेन नंबर
- दानापुर में ट्रेन न. 13483 के इंजन न. 22573 में आग लगा दिया गया.
- दानापुर स्टेशन की पिट लाईन पर खड़ी एक रेल के इंजन न. 30418 को आग के हवाले कर दिया गया.
- लखीसराय में ट्रेन न. 12368 के इंजन न. 39021 में आग लगा दी गई.
- लखीसराय में ट्रेन न. 13420 के इंजन न. 30182 में आग लगा दी गई.
- इस्लामपुर में ट्रेन न. 18624 के इंजन न. 39083 में आग लगा दी गई.
- समस्तिपुर में ट्रेन न. 15057 के इंजन न. 37054 में आग लगा दी गई.
- सासाराम में कटरा की ट्रेन के इंजन न. 60159 में आग लगा दी गई.
पत्थरबाजी की चपेट में आई ट्रेनें और उनके इंजनों की संख्या
- बेतिया में एक मल्टी कैटेगरी के इंजन न. 23654 पर पथराव हुआ
- मानसी में ट्रेन न. 18625 के इंजन न. 22740 पर पथराव हुआ
- मोहद्दी नगर में ट्रेन न. 15652 के इंजन न. 30228 पर पथराव हुआ
- हाजीपुर में ट्रेन न. 05204 के इंजन न. 32610 पर पथराव हुआ
- सबदलपुर में इंजीनियरिंग कैटेगरी के इंजन न. 27155 पर पथराव हुआ
देश भर में चल रहे उग्र प्रदर्शन में सिर्फ शुक्रवार को ही सरकारी आंकड़े के अनुसार कुल 12 से अधिक कोच जलाए गए थे. इनमें 7 एलएचबी कोच हैं. और 5 सामान्य आईसीएफ कोच हैं. हालांकि रेलवे सूत्रों के अनुसार ये आंकड़ा 18 कोच तक भी हो सकता है.
सिकंदराबाद में रेलवे को हुआ 14 करोड़ रूपए का नुकसान
सिकंदराबाद में उपद्रवियों ने 4500 बेड रोल जला दिए. जबकि 7 ट्रेनों की एक-एक कोच के सभी विंडो ग्लास तोड़ दिए. एक ट्रेन की एक कोच की सभी सीटें जला दीं तो दूसरी ट्रेन के एक कोच को पूरी तरह जला दिया. एक अन्य ट्रेन की एक कोच के बाहरी हिस्से को पूरी तरह जला दिया गया. बेड रोल जलने से 22.5 लाख का नुकसान, शीशे टूटने से 10.5 करोड़ रूपए का नुकसान, सीटें जलने से 5 लाख का नुकसान और एक कोच जलने से 3.5 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. एक जगह आग लगने से अन्य हिस्सों पर पड़ने वाले प्रभावों से हुआ नुकसान करीब 60 लाख रूपए हुआ. इस तरह सिर्फ 17 तारीख को सिकंदराबाद में रेलवे का करीब 14 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ.
रेलवे कोच बनाने में कितना खर्च आता है?
एक नॉन एसी आईसीएफ कोच को बनाने में 90 लाख रूपए का खर्च आता है. जबकि एक एसी आईसीएफ कोच को बनाने में 1.5 करोड़ रूपए का खर्च आता है. जबकि एक नॉन एसी एलएचबी कोच को बनाने में 2.25 करोड़ रूपए का खर्च आता है. वहीं एक एसी एलएचबी कोच को बनाने में 3 करोड़ रूपए लग जाते हैं.
रेल इंजन को बनाने में कितना खर्च आता है?
एक 5 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन को बनाने का खर्च 15 करोड़ रूपए आता है. जबकि एक 12 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन बनाने का खर्च 65 करोड़ रूपए आता है. एक सामान्य ट्रेन 24 कोच की होती है. यानी इंजन सहित एक पूरी ट्रेन की कीमत औसतन कम से कम 51 करोड़ रूपए तक होती है.
रेलवे को हुए 600 करोड़ के नुकसान का आधार
रेलवे ने अभी तक सिर्फ दो जोन के नुकसान का डेटा ही तैयार किया है. ये डेटा भी सिर्फ शुक्रवार को हुए नुकसान का है. यानी सिर्फ दो जोन में एक ही दिन में रेलवे को 120 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. ऐसे में सबसे अधिक उपद्रव वाले 5 दिनों को लें तो औसत नुकसान 600 करोड़ रूपए आता है. ये तब है जब रेलवे द्वारा तैयार किए गए सिर्फ दो ज़ोन के डेटा को ही आधार माना गया है. वास्तविक नुकसान का अनुमान 1000 करोड़ तक हो सकता है.